राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी 150वां जन्म शताब्दी वर्ष
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी 150वां जन्म शताब्दी वर्ष के अंतर्गत विश्वविद्यालय में संपन्न विभिन्न कार्यक्रम |
गांधी जी की 150वीं जन्म शताब्दी वर्ष
गांधी जी की 150वीं जन्म शताब्दी वर्ष का प्रारंभ प्रभात फेरी निकालकर किया गया। दिनांक 09/10/2018 को विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. रामदेव भारद्वाज जी, कुलसचिव डॉ. एस.के. पारे जी, संकायाध्यक्ष डॉ. एस.डी.सिंह, डॉ. प्रज्ञेश अग्रवाल एवं डॉ. रेखा रॉय विश्वविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों ने मिलकर प्रभात फेरी निकाली। प्रभात फेरी में सभी के प्रिय भजन ''रघुपति राघव राजाराम पतित पावन सीताराम'' एवं ''वैष्णव जनतोतेने कहिए जे'' भजन ढोलक एवं मंजीरे के साथ गा रहे थे। प्रभात फेरी विश्वविद्यालय से प्रारंभ होकर, राजहर्ष कालोनी का भ्रमण करते हुए विश्वविद्यालय में आकर समाप्त हुई। प्रभात फेरी में लगभग 300 संख्या थी। इसमें विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। रैली ''अहिंसा सामाजिक सद्भाव'' हेतु निकाली गई। रैली शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई।
2- फिल्म प्रदर्शन : ''गाँधी: द साइलेंट गन''
अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यलय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अंतर्गत होने वाले कार्यक्रमों में दिनांक 11/10/2018 गुरुवार को गांधी जी के जीवन पर आधारित एक वृत्तचित्र दिखाया गया। कार्यक्रम की शुरूआत में विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. रामदेव भारद्वाज ने गांधी जी के व्यक्तित्व और उनके कर्मों से मिलने वाली प्रेरणा के बारे में सभागार में उपस्थित सभी विद्यार्थियों को अवगत कराया। वर्ष 2012 में पुरस्कृत अंतर्राष्ट्रीय लघु फिल्म अवॉर्ड प्राप्त वृत्तचित्र “गांधी: द साइलेंट गन” विश्वविद्यालय के छात्रों को दिखाई गई। 33 मिनट 13 सेकण्ड की इस फिल्म ने कई राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त किये हैं। वृत्तचित्र के निर्देशक और लेखक श्री नीरज कुमार मिश्रा को वर्ष 2012 में सर्वश्रेष्ठ लघु फिल्म निर्देशक पुरस्कार दिया गया। फिल्म में दिखाया गया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने जीवन के अंतिम क्षणों तक अहिंसा और सत्य का मार्ग नहीं छोड़ा। फिल्म में दर्शाया गया कि गांधी जी का मानना था भारत विविधताओं का देश है। यह विविधता ही इसे विश्व में अन्य देशों से अलग करती है। विविधता में एकता ही हमारी विशेषता है। उन्होंने भारत विभाजन को दु:खद बताते हुए कहा कि वह हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए जीवन के अंत तक प्रयास करेंगे। फिल्म प्रदर्शन के दौरान सभागार में विश्वविद्यालय के कुलपति, कुलसचिव प्रो. एस.के. पारे, कार्यक्रम के संयोजक प्रो. एस.डी. सिंह, प्रो. प्रज्ञेश अग्रवाल, प्रो. रेखा रॉय के साथ सभी शिक्षकगण, अधिकारी, कर्मचारियों और विभागों में अध्ययनरत कुल 119 विद्यार्थी उपस्थित रहे।
3- दिनांक 9 अक्टूबर 2018, प्रभातफेरी
गांधी जी की 150वीं जन्म शताब्दी वर्ष के अंतर्गत विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. रामदेव भारद्वाज, कुलसचिव डॉ. एस.के. पारे, संकायाध्यक्ष प्रो. अनिल शिवानी, प्रो. एस.डी.सिंह, प्रो. प्रज्ञेश अग्रवाल एवं प्रो. रेखा रॉय, विश्वविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों ने मिलकर प्रभात फेरी निकाली। प्रभात फेरी प्रारंभ करने के पूर्व कुलपति जी ने गांधी जी के अहिंसा एवं सद्भाव संबंधित विचारों से सभी को अवगत कराया तथा कहा कि अहिंसा एवं सद्भाव के मार्ग से ही भारत विश्वगुरु बन सकता है। आज जब विश्व अस्थिरता और गृह युद्ध के दौर से गुजर रहा है तब गांधी जी के विचार और भी प्रासंगित हो जाते हैं।
प्रभात फेरी में गांधी जी के प्रिय भजन ''रघुपति राघव राजाराम, पतित पावन सीताराम'' एवं ''वैष्णव जनतो तेने कहिए जे'' भजन ढोलक एवं मंजीरे के साथ सभी गा रहे थे। प्रभात फेरी विश्वविद्यालय से प्रारंभ होकर, राजहर्ष कालोनी का भ्रमण करते हुए विश्वविद्यालय में आकर समाप्त हुई। प्रभात फेरी में लगभग 300 संख्या थी। इसमें विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रभात फेरी ''अहिंसा एवं सामाजिक सद्भाव'' हेतु निकाली गई। इस प्रभात फेरी में शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों ने कॉलोनी के निवासियों से संपर्क भी किया तथा गांधी जी के सामाजिक सद्भाव की आज क्यों आवश्यकता है यह भी बताया।
4- दिनांक 16 अक्टूबर को व्याख्यान ''भाषा का गणित'' -
अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्ववि़द्यालय में महात्मा गांधी की 150वीं जन्मशताब्दी पर होने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला में ''भाषा का गणित'' विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया। विश्वविद्यालय के गणित विभाग के शिक्षक डॉ. राजेश मिश्रा इस व्याख्यान के मुख्य वक्ता रहे।
डॉ. राजेश मिश्रा ने कहा कि एशिया और यूरोप की भाषाओं में वैदिक संख्याओं और शब्दों की समानता को देखते हुए भाषा वैज्ञानिकों ने इन्हें भारोपीय घोषित किया है। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. राजेश मिश्रा ने बताया कि आर्यभट्ट ने दशमलव का अविष्कार किया। जबकि यूरोप में 17वीं शताब्दी से दशमलव प्रचलन में आया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रचलित संख्या प्रणाली हिन्दुस्तान की ही देन है।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. रामदेव भारद्वाज, कुलसचिव प्रो. एस.के. पारे, वाणिज्य संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. अनिल शिवानी, कला संकाय की संकायाध्यक्ष प्रो. रेखा राय, आधारभूत विज्ञान, संकायाध्यक्ष प्रो. प्रज्ञेश अग्रवाल, सभी शिक्षक गैर शैक्षणिक कर्मचारी एवं विद्यार्थी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
5- दिनांक 22 अक्टूबर को निबंध व प्रश्नमंच प्रतियोगिता का आयोजन:-
अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में चलने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला में निबंध व प्रश्नमंच प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
निबंध प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने ''राष्ट्रीय आंदोलन में महात्मा गांधी का योगदान'' विषय पर 2000 शब्दों में अपने विचार लिखे। निबंध प्रतियोगिता में कुल 32 विद्यार्थियों ने भागीदारी की। निर्णायक मंडल में डॉ. निशा शर्मा, डॉ. राजा चौहान और डॉ. नीलू वर्मा उपस्थित रहीं। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान अतुल पटेल, द्वितीय स्थान रवीन्द्र अहिरवार एवं तृतीय स्थान हरिओम चिढ़ार ने प्राप्त किया।
प्रश्नमंच प्रतियोगिता में 24 विद्यार्थियों की छ: समूह बनाए गए। गांधी जी के आदर्शों और सिद्धांतों के आधार पर टीम का नाम अहिंसा, सत्य, स्वच्छता, सद्भावना और प्रेम रखा गया।
टीम प्रतिभागी
अहिंसा अतुल पटेल (एमए पत्रकारिता), राजू (बीएड), पूजा (एमएससी), रूचिका (बीएड), धनलक्ष्मी (बीएड), रवीन्द्र यादव (बीएससी)।
सद्भावना अनुज (एमएससी), हरिओम (बीए), प्रमोद (बीए), अनुराग (बीकॉम), अभिषेक (बीए), शिवम (बीए)।
स्वच्छता शालू पटेल (बीए), उमा विश्वकर्मा (बीएससी), प्रियंका राजपूत (बीए), तनुश्री तिवारी (बीए), रीमा चौहान (बीकॉम), मेघा (बीकॉम)।
प्रेम देवेन्द्र (बीएससी), संदीप (बीकॉम), मदीज अंसारी (बीकॉम), सुलोचना (बीएससी), देवांशी (बीएससी), अभिषेक गोले (एमए अनुवाद विज्ञान)।
सत्य बलराम पटेल (बीए प्रथम वर्ष), विनोद (बीए प्रथम वर्ष), आशीष (बीए प्रथम वर्ष), लोकेश (बीए प्रथम वर्ष), रविशंकर (बीए प्रथम वर्ष), सुनील (बीए प्रथम वर्ष)।
प्रश्नमंच प्रतियोगिता चार चरणों में संपन्न हुई। पहले तीन चरण में सभी समूह से एक-एक करके प्रश्न पूछे गए और चौथे चरण में समूह को दस सेकण्ड के अंदर अधिक से अधिक प्रश्नों के उत्तर देने थे। इस प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुये समूह अहिंसा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। जिसमें अतुल पटेल (स्नात्कोत्तर पत्रकारिता), राजू (स्नातक शिक्षा), पूजा (स्नात्कोत्तर विज्ञान), रूचिका (स्नातक शिक्षा), धनलक्ष्मी (स्नातक शिक्षा) और रवीन्द्र यादव (स्नात्क विज्ञान) प्रतिभागी छात्र थे।
प्रश्नमंच प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका में डॉ. राजा चौहान, डॉ. रेणु अग्रवाल और श्री ब्रजेश रिछारिया रहे। दोनों प्रतियोगिता के संयोजक सदस्यों में डॉ. अनीता चौबे, डॉ. स्मिता राजन, डॉ. रीतू श्रीवास्तव थीं।
6- दिनांक 25 अक्टूबर को याख्यान ''मॉरिशस में महात्मा गांधी''
अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 150वीं जन्मशताब्दी वर्ष के अंतर्गत मॉरीशस में महात्मा गांधी विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में मॉरिशस के कला एवं संस्कृति मंत्रालय के हिंदी स्पीकिंग यूनियन के अध्यक्ष डॉ. सुरेश रामबरन, अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रामदेव भारद्वाज तथा कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार पारे मंचासीन थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रामदेव भारद्वाज ने डॉ. सुरेश रामबरन को शॉल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह और पौधा भेंट कर स्वागत किया। कार्यक्रम में महात्मा गांधी की 150वीं जन्म शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों की आयोजक समिति के संयोजक तथा जीव विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. एस.डी.सिंह, समिति की सह संयोजक एवं कला संकायध्यक्ष प्रो. रेखा राय, वाणिज्य संकाय अध्यक्ष प्रो. अनिल सिवानी, आधारभूत विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. प्रज्ञेश अग्रवाल, अतिथि विद्वान, कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
कई देशों की आजादी गांधी जी के आदर्शों की देन है : डॉ. सुरेश रामबरन
डॉ. सुरेश रामबरन ने अपने उद्बोधन का प्रारंभ करते हुए कहा कि भारत जैसा दुनिया में कोई दूसरा देश नहीं है। यहां की सभ्यता संस्कृति अपने मूल्यों के लिये पूरे विश्व में जानी जाती है। यहां जन्में लोग भाग्यशाली हैं। भारतवासी हमेशा अपने सांस्कृतिक मूल्यों और परम्पराओं को निभाते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में हिंदी जैसी और कोई भाषा नहीं है, हमारे पूर्वजों का ज्ञान मातृभाषा के रूप में आज हमारे सामने हैं।
डॉ. रामबरन के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्रसंघ में हिंदी में भाषण देकर मातृभाषा, हिंदुस्तान और हिंदुस्तानियों का अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर गौरव बढाया है। उन्होंने बताया कि भारत देश पहले जम्बूद्वीप के नाम से भी जाना जाता था, लेकिन प्राकृतिक आपदा के कारण यह द्वीप दो भागों में बँट गया, इसी दौरान एक नये आयरलैण्ड का उदय हुआ, जिसका स्पैन वासियों ने मॉरिशस नाम रखा। डॉ. रामबरन ने मॉरिशस और महात्मा गांधी के संबंध पर प्रकाश डालते हुये बताया कि कर्मचंद गांधी दक्षिण अफ्रिका से लौटते वक्त नवसेरा नाम के जहाज से सफर के दौरान मॉरिशस की जमीन पर पहली बार उतरे, गांधी जी के कहने पर मॉरिशस में रहने वाले भारतीयों ने अपने बच्चों को पढाना शुरू किया था।
डॉ. रामबरन के अनुसार महात्मा गांधी से उस समय के दुनियाभर के सभी बडे लेखक और विद्वान प्रभावित थे। महात्मा गांधी ने पेशे से वकील होने के बावजूद देशवासियों की गरीबी और दुर्दशा देखकर धोती पहनना और चरखा चलाना शुरू किया, ताकि आम लोगों को चरखा से वस्त्र बनाने की सीख दी जा सके। महात्मा गांधी हिंदी साहित्य सम्मेलन के प्रधानमंत्री भी रहे। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने हिन्दी के प्रचार-प्रसार में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वर्तमान समय में विद्यार्थीयों में पुस्तकों के प्रति बढ़ती हुई अनुरूचि को देखते हुए उन्होंने अपील की कि विद्यार्थी ज्यादा से ज्यादा पुस्तकें पढ़ें और उनके ज्ञान से लाभान्वित होकर देश को लाभान्वित करें।
आत्मसम्मान करने वाला व्यक्ति ही देश का सम्मान कर सकता है: प्रो. रामदेव भारद्वाज
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रामदेव भारद्वाज ने कहा कि जो भी व्यक्ति गांधी जी को जानने की कोशिश करता है वह उसके अनुरूप बन जाता है। जो कृतज्ञता में जीता है या सभी के प्रति कृतज्ञ होता है वही से उस व्यक्ति में व्यक्ति के प्रति, समाज के प्रति, राष्ट्र के प्रति, राष्ट्रीयता एवं देश भक्ति का भाव जागृत हो जाता है। जो व्यक्ति स्वयं का आत्मसम्मान करने वाला होता है वही देश का सम्मान कर सकता है। उन्होंने बताया कि गांधी जी के पास सभी सुविधाए होने के बाद भी देश की आजादी के लिए अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए कई आदर्श स्थापित किए। महात्मा गांधी ने घृणा, तिरस्कार, उपेक्षा और निंदा जैसी बुराईयों का हमेशा विरोध किया। गांजी जी ने संवेदनशीलता, आत्म सम्मान सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए युवा पीणी को आजादी का मार्ग दिखाया।
प्रो. भारद्वाज ने कहा कि हम स्वयं के अहंकार के गुलाम हो गए हैं। आत्म सम्मान और राष्ट्र के प्रति सम्मान के प्रति गिरबी रखने के कारण हम आत्म गिलानी के शिकार हो गए हैं। जब हम स्वयं का सम्मान करेंगे तभी दुनिया हमारा और हमारे देश का सममान करेगी।
कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. एस.के. पारे ने मुख्य वक्ता एवं अध्यक्ष सहित सभागार में उपस्थित सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया।
7- दिनांक 29 अक्टूबर 2018 स्वच्छता अभियान-
महात्मा गांधी जी की 150वीं जन्मशताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य राजहर्ष कॉलोनी विश्वविद्यालय परिसर में स्वच्छता अभियान का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति, कुलसचिव सहित सभी शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी ने इस अभियान में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। इससे पहले 15 अक्टूबर 2018 को स्वच्छता अभियान का आयोजन किया गया था। जिससके परिणाम स्वरूप इस बार आयोजित स्वच्छता अभियान के परिणाम स्वरूप परिसर के आसपास रह रहे रहवासियो ने भी स्वच्छता अभियन में भाग लिया। उन्होंने परिसर के बाहर स्वच्छता का कार्य किया और साथ ही साथ यह भी संकल्प लिया कि वह समय-समय पर कॉलोनी में स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित करेंगे। इस माह आयोजित होने वाले स्वच्छता कार्यक्रमों के संयोजक डॉ. प्रकाश खातरकर थे।
8- दिनांक 31 अक्टूबर को भजनों की प्रस्तुति-
अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय में महात्मा गांधी की 150वीं जन्मशताब्दी वर्ष के तहत होने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला में गांधी जी और गांधी जी के प्रिय भजनों का गायन संगीत शिक्षक श्री हरीश वर्मा एवं और छात्रों द्वारा किया गया । संगीत विभाग के श्री हरीश वर्मा ने गांधी जी के प्रिय भजन ''रघुपति राघव राजा राम'' एवं “वैष्णव जनतो तैने कहिये” की प्रस्तुति दी। इसी श्रृंखला में संगीत विभाग की छात्रा शिवानी राठौर ने ''पायो जी मैने राम रतन धन पायो” भजन की प्रस्तुति। जैविक कृषि विभाग की डॉ. स्मिता राजन द्वारा मीरा के भजन की प्रस्तुति दी गई। अंत में महात्मा गांधी के चिंतन को दर्शाने वाले ''तुम आशा विश्वास हमारे, तुम धरती आकाश हमारे'' भजन की प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रामदेव भारद्वाज, कुलसचिव डॉ. एस.के. पारे, महात्मा गांधी की 150वीं जन्म शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम की समिति के संयोजक प्रो. एस.डी. सिंह, सहसंयोजक प्रो. रेखा राय, प्रो. अनिल शिवानी, प्रो. प्रज्ञेश अग्रवाल के साथ विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक एवं विद्यार्थी कार्यक्रम में उपस्थित रहे । कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन करते हुए प्रो. एस.डी.सिंह ने संगीत विभाग की प्रसंशा की एवं कार्यक्रम सफल बनाने हेतु सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।
9- दिनांक 28 नवम्बर, 2018 को घरेलु आपदा प्रबंधन जागरुकता कार्यक्रम
अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जन्म शताब्दी जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों की श्रंखला में मंगलवार 20 नवंबर 2018 को घरेलु आपदा प्रबंधन जागरूकता कार्यक्रम एवं स्वच्छता मिशन के अन्तर्गत श्रमदान किया गया। आपदा प्रबंधन कार्यक्रम में जलसंसाधन विभाग के सेवानिवृत्त प्रमुख अभियंता श्री हरदास गोलाईत ने प्राकृतिक जल संसाधनों पर मानव की निर्भरता और उनके असंयमित दोहन से पैदा होने वाली समस्याओं पर प्रकाश डालते हुये कहा कि जल संकट से निपटने के लिए जलस्रोत और जल का प्रबंधन हमारी प्राथमिकता होनी चाहिये। कार्यक्रम में एक अन्य वक्ता श्री विनीत सक्सेना ने घरेलु विद्युत जन्य आपदा से स्वयं को सुरक्षित रखने के तरीके और आवश्यक सावधानियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इमारतों में बिजली फिटिंग के दौरान अर्थिंग का समुचित प्रबंध किया जाना चाहिए। वक्ता के रूप में उपस्थित डॉ. संजुला गौतम ने प्राथमिक उपचार की विधियां बताते हुए कहा कि- चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध होने तक प्रभावित व्यक्ति को उपचार की तत्कालिक आवश्यकता होती है जिसे आसपास के लोग ही पूरा कर सकते हैं। यदि किसी को हृदयाघात होता है तो माउथ ब्रीथिंग से उसे बचाया जा सकता है। कार्यक्रम में मौजूद श्री दुर्गेश कुमार ने आग लगने से होने वाली आपदा और उससे निपटने के तरीकों को बताया। इसके बाद विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारियों ने कैंपस में सफाई कर स्वच्छता का संदेश दिया।
10- दिनांक 2 फरवरी, 2019 को ''स्वछता अभियान के साथ नशा मुक्ति रैली''
''जन जन की पुकार, नशा मुक्त हो संसार'' और ''गुटखा खाओ गाल गलाओ'' जैसे नारों के साथ अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय के छात्रों ने नशा मुक्त समाज बनाने के उद्देश्य से रैली निकाली। विश्वविद्यालय में महात्मा गांधी जी की 150वीं जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में जनहित और राष्ट्रहित से जुड़े कई आयोजन किये जा रहे हैं। इसी श्रृंखला में गुरुवार को कोलार क्षेत्र स्थित हिंदी विश्वविद्यालय के प्रांगण में सफाई की गई। इस कार्य को पूरा करने के लिये समस्त अधिकारी, कर्मचारी और शिक्षकों ने विश्वविद्यालय की प्रभारी कुलसचिव डॉ. रेखा रॉय के साथ मैदान में साफ-सफाई कर आसपास के रहवासियों को स्वच्छता का संदेश दिया। इस मौके पर विद्यार्थियों और स्टाफ ने तगाड़ी, फावड़ा, सीक झाड़ू और कटर आदि सामग्री का उपयोग किया। उक्त कार्यक्रम में सभी संकाय के छात्रों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।