अतिथि गृह
भारतीय संस्कृति में ‘अतिथि देवो भव’ को बहुत महत्व दिया गया है। इस दृष्टि से अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय, भोपाल (म.प्र.) जितना भारतीय संस्कृति की समृद्धि के लिए समर्पित है उतना ही विश्वविद्यालय में पधारने वाले अतिथि-विद्वानों की सेवा-शुश्रुषा के लिए तत्पर रहता है। यही कारण है कि भारत-भारतीयता के साथ भाषा, संस्कृति और हिंदी-सेवा के लिए विश्वविश्रुत-विद्वान विश्वविद्यालय द्वारा आमंत्रित किए जाने पर हिंदी विश्वविद्यालय आने के लिए सहर्ष स्वीकृति प्रदान कर देते हैं।