चित्रकला
परिचय: - विश्वविद्यालय में कला संकाय में सर्वप्रथम बी.एफ.ए.-पेंटिंग (चित्रकला) विभाग में चार वर्षीय कोर्स की शुरूआत की गई इस विषय की स्थिति को सुदृढ़ करने और कला के इतिहास के अध्यापन में कला का स्थान गौण न रह जाये इसलिए कला संकाय में कलाहीन विषयों के अतिरिक्त अब कला के क्रियात्मक अभ्यास, ऐतिहासिक अध्ययन व शास्त्रीय विवेचना तथा विषय के विभिन्न पहलुओं पर शोध को भी मान्यता मिलें, इस दृष्टि से विश्वविद्यालय में ‘चित्रकला विभाग,‘ शुरू किया गया है। इस विभाग में कला के समस्त विषय और उनसे जुड़ी सैद्धांतिक और प्रायोगिक अध्ययन सामग्री उपलब्ध होने से कला शिक्षा को वांछनीय गति प्राप्त होगी।
हमारे देश में इस और उदासीनता के कारण विदेशी की शिक्षण पद्धति को मजबूरी में अपनाना पड़ रहा है। और इसका सबसे बड़ा परिणाम यह होता है कि हमारे विद्यार्थी विदेशी कलाओं का ही अनुकरण करने पर मजबूर हो जाते हैं। यह एक बड़ी चुनौती है। इस चुनौती को हम तभी स्वीकार कर सकते हैं, जब हम अपने विद्यार्थियों को अपनी कलागत परंपरा की प्रचुरता में विश्वास उत्पन्न करा सकें। इसी वजह से विश्वविद्यालय में चित्रकला विभाग का महत्व अधिक बढ़़ जाता है।
उद्देष्यः-
हमारी संस्कृति और कला का सीधा-सीधा संबंध है और इनका प्रभाव कला और कलाकारों पर पड़ता हैं अतः कला और साहित्य की शिक्षा के ज्ञान की गुणवŸाा को संपन्न बनाने तथा सर्वश्रेष्ठ का चयन करनें में यथार्थता तक पहुंचने का मार्ग है और ज्ञान का यह विशिष्ट प्रकार है, जिसे प्राप्त करने के लिए स्वयं का अनुशासन, ठोस ज्ञान पर आधारित जानकारी, बोधिक जागृति तथा मानव जीवन के रचनात्मक और कल्पनाशील पहलुओं में बाहरी रूचि की अपेक्षा होती है।
1- चित्रकला विषय में विद्यार्थी चाक्षुष ज्ञान के आधार पर जीवन, जीवन से संबंधित विभिन्न क्रियाओं, वस्तुओं, जड़-चेतना स्वरूपों को चित्रित कर अपनी क्षमताओं का विकास करते हैं।
2- चित्रकला विषय में विद्यार्थी विभिन्न विषयों में कार्य करता है- जैसे रेखाओं के द्वारा आलेख तैयार करना, रंगो का मिश्रण, रंगो की प्रकृति रंगों के द्वारा आलेखनों, अलंकरणों एवं विभिन्न आकारों एवं प्रकारों को जानता है।
3- कला में प्रयुक्त की जाने वाली सामग्रियों को उनकी विधियों को जानता है। चित्रफलक की जानकारी, पोत, टेक्शर, रंग, रंगों का मनोविज्ञान, रेखा लय, संतुलन इत्यादि जैसी कला की बारीकियों को जानता है।
चित्रकला विभाग में कार्यरत शिक्षक- डाॅ.वीणा चैबे
एम.ए. (चित्रकला, समाजशास्त्र), पीएच.डी (चित्रकला)
विशेषज्ञता - लोककला एवं डिजाईन
सम्मान/पदक
1- सर्वश्रेष्ठ शोध के क्षेत्र में रिसर्च शोध पत्रिका के द्वारा सारस्वत सम्मान 2007-08 में स्वर्ण पदक
2- सम्मान 2013-14
राष्ट्रीय सम्मान
1- वीरांगना लक्ष्मीबाई गौरव सम्मान 2015 बुन्देलखण्ड विकास परिसर, दिल्ली की और से।
2- वीरांगना लक्ष्मीबाई गौरव सम्मान 2016 बुन्देलखण्ड विकास परिसर, दिल्ली की और से।
3- “बुन्देलीरत्न” सम्मान बुन्देली परिसर मध्यप्रदेश द्वारा दिसंबर, 2015
4- “बुन्देली गौरव” सम्मान ब्राॅड बुन्देलखण्ड संस्था द्वारा 2016
शोध आलेख प्रकाशित- 04 अंतरराष्ट्रीय एवं 40 राष्ट्रीय
प्रकाशन
शोध लेख - विभिन्न शोध पत्रिकाओं में 02 राज्यस्तरीय एवं 22 राष्ट्रीय आलेख।
पुस्तक
बुन्देलखण्ड की रूपांकर कलाएँ - प्रकाशक जनसंपर्क संचालनालय जनसंपर्क भवन बाणगंगा, भोपाल
पुस्तक समीक्षा -
1- बुन्देलखण्ड की रूपांकर कलाएँ - मध्यप्रदेश संदेश मध्यप्रदेश शासन का मासिक प्रकाशन।
2- बुन्देलखण्ड की रूपांकर कलाएँ - शोध धारा अंक 01 पूर्णाक 11 आई.एस.एस.एन नं 0975-3664
3- सह सम्पादक - शोध पत्रिका रिसर्च लिंक इंदौर।
4- सम्पादक मंडल सदस्य - शोध धारा उरई उत्तरप्रदेश।
5- अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर चित्रकला प्रदर्शिनी 08 से 11 मार्च, 2010 स्थान स्वराज भवन, भोपाल।
मुख्य दायित्व:
1- बी.एफ.ए.-पेंटिंग (चित्रकला) जो कि चार वर्ष की उपाधि है इसमें प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष, तृतीय वर्ष एवं चतुर्थ वर्ष की सभी कक्षाओं का शैक्षणिक कार्यभार का निर्वाहन जो कि प्रतिदिन के 23 कालखण्ड व सप्ताह के 138 कालखण्ड होते है। इसके अलावा विश्वविद्यालय में होने वाले नवोन्मेषी कार्य जैसे:-
नवोन्मेषी कार्य:
1- विश्वविद्यालय के अंतर्गत होने वाली संगोष्ठी एवं गतिविधियों में भागीदारी
2- प्राचीन सभ्यता एवं संस्कृति अध्ययन केन्द्र
3- भारत भवन एवं मानव संग्रहालय की विथिका के चित्रकला प्रदर्शिनियों में सतत् संक्रिय भागीदारी
शिक्षक गण :
नाम | पदनाम | विशेषज्ञता | संपर्क न. | ईमेल | |
---|---|---|---|---|---|
कोई रेकॉर्ड नहीं है। |
पाठ्यक्रम विवरण:
पाठ्यक्रम का नाम : स्नातक कला (बी.एफ.ए. पेंटिंग ) | |
---|---|
पाठ्यक्रम का प्रकार | स्नातक |
अवधि | 4 वर्ष |
न्यूनतम योग्यता | 10+2 |
अनिवार्य विषय | -- |
उपलब्ध सीट | -- |
प्रवेश का माध्यम | प्रावीण सूची |
अध्ययन का माध्यम | नियमित |
पाठ्यक्रम का नाम : अल्पना मांडना | |
---|---|
पाठ्यक्रम का प्रकार | प्रशिक्षण |
अवधि | 3 माह |
न्यूनतम योग्यता | बाध्यता नहीं |
अनिवार्य विषय | -- |
उपलब्ध सीट | -- |
प्रवेश का माध्यम | प्रावीण सूची |
अध्ययन का माध्यम | नियमित |
पाठ्यक्रम का नाम : रंगोली | |
---|---|
पाठ्यक्रम का प्रकार | प्रशिक्षण |
अवधि | 3 माह |
न्यूनतम योग्यता | बाध्यता नहीं |
अनिवार्य विषय | -- |
उपलब्ध सीट | -- |
प्रवेश का माध्यम | प्रावीण सूची |
अध्ययन का माध्यम | नियमित |
पाठ्यक्रम :
पाठ्यक्रम | सिलेबस |
---|---|
बीएफए | Download |