पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान
25 दिसंबर 2012 को पुस्तकालय की स्थापना कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. लक्ष्मी नारायण गुप्त ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए हिंदी को सर्वसुलभ भाषा बताया इस अवसर पर लक्ष्मी नारायण गुप्त ने अपने निजी पुस्तक संग्रहालय में से 51 पुस्तकें विश्वविद्यालय को भेंट की | प्रो. मोहन लाल छिपा जी (कुलपति) ने भी अपने निजी संग्रह में से पुस्तकें भेंट की इसके साथ ही विश्वविद्यालय के पुस्तकालय का शुभारंभ किया गया | वर्तमान में केंद्रीय पुस्तकालय के प्रभारी आचार्य प्रो. पवन कुमार शर्मा जी एवं पुस्तकालयध्यक्ष सुधीर कुमार गुप्ता है | पुस्तक क्रय एवं सभी पुस्तक दानदाताओं के सहयोग से आज हमारे केंद्रीय पुस्तकालय में 18,025 से अधिक पुस्तकें संजोई है | पुस्तकालय को पूर्ण कम्प्यूटरीकृत व पुस्तकालय को वाई-फाई,बारकोड प्रणाली, सम्पूर्ण व्यावसायिक प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारीयों के लिए अलग से प्रकोष्ठ बनाया गया है इसमें विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिता परीक्षाओं की पत्रिकायें, सामान्य ज्ञान,एवं अन्य विषयों की पुस्तकों की सुविधा, आई.टी. प्रकोष्ठ भी बनाया गया है जिसमें पाठक, शिक्षक, शिक्षार्थी अपना प्रोजेक्ट,शोध के विषय,एवं अन्य कार्य आसानी से कर सकते है | केंद्रीय पुस्तकालय में ई. पुस्तकों की भी सुविधा उपलब्ध है | पुस्तकालय वह स्थान है जहाँ विविध प्रकार के ज्ञान, विज्ञान, सूचनाओं, स्त्रोतों, सेवाओं आदि का संग्रह रहता है | हमारे पुस्तकालय में हर विषय से सम्बंधित पुस्तकें है | अत: मनुष्य की ज्ञान सम्बन्धी पिपासा पुस्तकालय में ही शांत हो सकती है | हमारे पुस्तकालय में धार्मिक, राजनैतिक, सामाजिक, साहित्य, प्राकृतिक चिकित्सा, जैवविविधता, पर्यावरण, विधि, शोध, हर धर्म की पुस्तकें आदि सभी पुस्तकों को संगृहीत करके पाठकों के लिए रखा गया है | सभी विभागों के लिए पुस्तकें क्रय कर विभागीय पुस्तकालय भी बना दिए गए है | पुस्तकालय में वाचनालय भी बनाया गया है, जिसमें 50 व्यक्तियों को एक साथ बेठने की सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी है | पुस्तकालय में पुस्तकों को विषयवार लगाया गया है व उन पर पुस्तक क्रमांक/वर्गीकरण क्रमांक के आधार पर जमाया गया है जिससे पाठक का पुस्तक लेने मे उनका बहुमूल्य समय बच सके, और आसानी से अपनी रूचि के अनुसार पुस्तकों का चयन कर सके | पुस्तकालय में पुस्तकालय सोल सोफ्टवेयर के द्वारा सभी पुस्तकों को सोफ्टवेयर में प्रविष्टि का कार्य चल रहा है व सभी छात्रों को संकाय के अनुसार पुस्तकालय क्रमांक दिया गया है | जिससे सोफ्टवेयर से पुस्तकें निर्गमन और आगम व्यवस्था शुरू की गयी है | देश से आये हुए प्रसिद्ध गणमान्य व्यक्तियों के द्वारा केंद्रीय पुस्तकालय को सराहा गया है | पुस्तकालय के 5 वे नियम के अनुसार पुस्तकालय एक वर्द्धनशील संस्थान है जिसके अनुरुम हम भी अपने वि.वि. के केंद्रीय पुस्तकालय को निरंतर वर्द्धनशील बना रहे है | वर्तमान में वि.वि. के कुलपति प्रो. रामदेव भरद्वाज जी है |
शिक्षक गण :
विभागीय शिक्षक गण की सूची :
नाम |
पदनाम |
विशेषज्ञता |
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ईमेल |
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पाठ्यक्रम विवरण:
पाठ्यक्रम का नाम : बी.लिंब. |
पाठ्यक्रम का प्रकार |
स्नातक |
अवधि |
1 वर्ष |
न्यूनतम योग्यता |
स्नातक न्यूनतम 50 प्रतिशत उत्तीर्ण |
अनिवार्य विषय |
-- |
उपलब्ध सीट |
-- |
प्रवेश का माध्यम |
प्रावीण सूची |
अध्ययन का माध्यम |
नियमित |
पाठ्यक्रम का नाम : एम.लिब |
पाठ्यक्रम का प्रकार |
स्नातकोत्तर |
अवधि |
2 वर्ष |
न्यूनतम योग्यता |
बी.लिब उत्तीर्ण |
अनिवार्य विषय |
|
उपलब्ध सीट |
40 |
प्रवेश का माध्यम |
प्रावीण सूची |
अध्ययन का माध्यम |
नियमित |
पाठ्यक्रम :