समाजशास्त्र
विभाग की स्थापना 2013 में हुई है जिसमें वर्तमान सत्र में समाजशास्त्र स्नातकोत्तर, स्नातक कला प्रतिष्ठा (बी.ए. ऑनर्स) एवं समाजकार्य स्नातकोत्तर (एम.एस.डब्ल्यू) पाठ्यक्रम संचालित है। यह विभाग समाजविज्ञान संकाय के अंतर्गत संचलित है जिसके संकायाध्यक्ष प्रो.रेखा राॅय है।
विभाग में हिंदी भाषा के माध्यम से इन विषयों का पठन-पाठन एवं अनुंंसंंधान कार्य किया जा रहा है। विभाग के पाठ्यक्रमों में समकालीन विषय वस्तु के अतिरिक्त भारतीय ज्ञान परंपरा की ज्ञान परंपरा को समावेश भी किया गया है।
समाजशास्त्र एवं समाजकार्य ऐसा विषय है। जिसका सीधा संबंध सामाजिक सरोकारों से जुड़ा होता है। इसके माध्यम से आप एक पंथ दो काज कर सकते है। एक तो आपको रोजगार मिल सकता है। दूसरा समाज से हमेशा जुड़े रहने और उसका समस्यों को दूर करने के अवसर भी बराबर मिलते रहते है। इस विषय के प्रति पिछले एक दशक में लोगों का रूझान खूब बढ़ रहा है।
मुख्य उद्देश्य -
1- पाठ्यक्रम का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों को समाजशास्त्र के मूलभूत सिद्धांतों से परिचित कराना है। तथ भारत में समाजशास्त्र का स्वरूप और परम्परा जो कि वैदिक काल से लेकर आज तक विद्यमान से विद्यार्थियों को अवगत कराना है।
2- समकालीन सामाजिक दृष्टिकोण से भी विद्यार्थियों के ज्ञान को पोषित कर उसको विश्व की विभिन्न सामाजिक व्यवस्थाओं, विचारो एवं संस्थाओं से अवगत करना। ताकि विद्यार्थी परंपरागत और वैश्विक विचारों से परिचित होकर एक जागरूक एवं दायित्वपूर्ण नागरिक की भूमिका निर्वहन कर सके।
शिक्षक गण :
नाम | पदनाम | विशेषज्ञता | संपर्क न. | ईमेल | |
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