नाट्यकला
नाट्यकला विभाग का परिचय
नाट्यकला को अभिव्यक्ति का सक्षम माध्यम माना जाता है। नाट्यकला के माध्यम से व्यक्ति का परिपूर्ण विकास साध्य किया जा सकता है। जीवन के सुख-दु:खात्मक घटनाओं को सृजनशील कलात्मक अभिव्यक्ति का कार्यालाप नाट्यकला से स्पष्ट किया जा सकता है। रंगमंच जीवन के विभिन्न इन्द्रधनुषसम सप्तरंगों को परिभाषित करता है।
उद्देश्य -
- नाट्यकला के माध्यम से हिंदी भाषा का प्रचार-प्रसार।
- नाट्यकला के माध्यम से नये अवसरों का निर्माण करना।
- भारतीय ज्ञान परंपरा के अनुरूप नाट्यकला का विस्तार।
- कला एवं संस्कृति के शोध और अनुसंधान के नवाचारी प्रारूपों का विकास करना जिससे शैक्षणिक प्रयोजनों में गुणात्मक विकास को अपनाना।
- भारतीय सांस्कृतिक वैविध्य के अनुरूप आंचलिक और क्षेत्रीय नाटकों का मंचन करना।
- नाट्य कला के प्रतिष्ठित विद्वानों और रंगकर्मियों का विद्यार्थियों को मार्गदर्शन सत्रों का आयोजन करना।
आगामी योजनाऐं
- लोकनाट्य कार्यशाला।
- नाट्यशास्त्र कार्यशाला।
- मुकाभिनय कार्यशाला।
- कालजयी नाटकों का मंचन।
- विभिन्न नाट्यकर्मियों द्वारा विद्यार्थियों को मार्गदर्शन।
- हिंदी नाट्य लेखकों के नाटकों का मंचन।
- हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए कृतिशील रूपरेखा निर्माण की जायेगी।
- नाट्यकला की शोधप्रविधि विकसित करने की दृष्टिकोण से राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन।
विभाग की गतिविधियॉ-
2014 में स्थापित यह विभाग अपने गरिमामीय नाट्यकृतियों द्वारा विश्वविद्यालय के आकर्षण का केन्द्र रहा है, जैसे -
- अंधेर नगरी
- मुर्तिकार की मुश्वित
- मैं हिंदी हॅू
- हिंदी में चिकित्सा शिक्षा
- हमारे प्यारे हरिशचंद्र
- न्यूक्लेयर एनर्जी
- स्वच्छता अभियान
- संक्रमण
उक्त नाट्य प्रयोगों के माध्यम से विभाग अपने उद्देशों के प्राप्ति के लिए प्रयास किये है।
विभाग में कार्यरत अतिथि विद्वान - डॉ. रविन्द्र मुढे
शैक्षणिक योग्यता:
बैचलर ऑफ ड्रमेटिक्स (बी.डी.), मास्टर ऑफ पर्फोमिंग आर्टस (एम.पी.ए. डायरेक्शन), एम.पी.ए. (मंच शिल्प), एम.फिल. (नाट्यकला और फिल्म अध्ययन), नेट, पी.एच.डी. (नाटकीय और फिल्म अध्ययन) जिसका विषय ''शोध विषय हिंदी संगीत के विकास में लोक संगीत का योगदान''।
फील्ड वर्क अनुभव: क्षेत्रीय कार्य के अंतर्गत संचार कौशल एवं महाराष्ट्र में लोक संगीत वाद्ययंत्रों पर शोध के लिए कार्य किया।
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन: विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन मे भाग एवं सहभागिता की गई।
पाठ्येतर गतिविधियाँ: एथिलेट, खेल और सम्मेलनों में सक्रियता रही।
रंगमंच कार्य : विभिन्न रंगमंच कार्यो में अपना योगदान दिया।
शिक्षक गण :
नाम | पदनाम | विशेषज्ञता | संपर्क न. | ईमेल |
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डॉ. रविन्द्र मुंढे | अतिथि विद्वान | नाट्य निर्देशन एवं मंच शिल्प | 8319142755 | mundhe50[at]gmail[dot]com |
पाठ्यक्रम विवरण:
पाठ्यक्रम का नाम : एम् ए नाट्यकला | |
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पाठ्यक्रम का प्रकार | स्नातकोत्तर |
अवधि | 2 वर्ष |
न्यूनतम योग्यता | स्नातक |
अनिवार्य विषय | -- |
उपलब्ध सीट | -- |
प्रवेश का माध्यम | प्रावीण सूची |
अध्ययन का माध्यम | नियमित |
पाठ्यक्रम :
पाठ्यक्रम | सिलेबस |
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एम.ए | Download |