आई क्यू ए सी
आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ - स्थापना एवं उद्देश्य
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) के अनुसार उच्च शिक्षा संस्थानों के प्रदर्शन मूल्यांकन, आकलन और प्रत्यायन तथा गुणवत्ता उन्नयन के लिए प्रत्यायनोत्तर गुणवत्ता संधारण उपाय के रूप में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) की स्थापना की गई है। अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ की स्थापना वर्ष 2023 में की गई।
दृष्टि:
अकादमिक कार्यशैली के रूप में गुणवत्ता संबंधी गतिविधियों को आंतरिक और संस्थागत बनाना ।
लक्ष्य:
• विश्वविद्यालय के अकादमिक एवं प्रशासनिक कार्यकुशलता को बेहतर बनाने के लिए सक्रिय, सतत एवं उत्प्ररेक प्रक्रिया का विकास करना।
• विश्वविद्यालय की कार्य पद्धति में गुणवत्ता बढ़ाने के उपायों को प्रोत्साहित करना एवं नवाचारों को संस्थागत बनाकर गुणवत्ता संस्कृति को विकसित करना ।
कार्य:
- विश्वविद्यालय की विभिन्न अकादमिक और प्रशासनिक गतिविधियों के लिए गुणवत्ता मानदंडों/मापदंडों का विकास एवं अनुप्रयोग।
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु अनुकूल शिक्षार्थी-केंद्रित वातावरण के निर्माण को सुगम बनाना तथा सहभागी मूलक अध्ययन एवं अधिगम हेतु संकाय सदस्यों को आवश्यक ज्ञान और प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए परिपक्वता हेतु बढ़ावा देना।
- विश्वविद्यालय की गुणवत्ता-संबंधी प्रक्रियाओं पर छात्रों, अभिभावकों और अन्य हितधारकों से प्रतिपुष्टि प्राप्त करना।
- उच्च शिक्षा के विभिन्न गुणवत्ता मानकों से सम्बंधित सूचना का प्रचार प्रसार करना।
- गुणवत्ता से संबंधित विषयों पर अंतर और अंतः विश्विद्यालयीन कार्यशालाओं, संगोष्ठियों का आयोजन और गुणवत्ता समिति को बढ़ावा देना।
- गुणवत्ता सुधार हेतु विभिन्न कार्यक्रमों/गतिविधियों का दस्तावेजीकरण।
- सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने और प्रसारित करने सहित गुणवत्ता संबंधी गतिविधियों के समन्वय के लिए संस्थान की नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करना।
- संस्थागत गुणवत्ता को बनाए रखने/बढ़ाने के उद्देश्य से एमआईएस के माध्यम से संस्थागत डेटाबेस का विकास और रखरखाव।
- विश्वविद्यालय में गुणवत्ता संवर्धन कार्य संस्कृति का विकास।
- NAAC के दिशा-निर्देशों और मापदंडों के अनुसार वार्षिक गुणवत्ता आश्वासन रिपोर्ट (AQAR) तैयार करना, जिसे NAAC को प्रस्तुत किया जाना है।
- शैक्षणिक, प्रशासनिक और वित्तीय कार्यों का समय पर, कुशल और प्रगतिशील निष्पादन सुनिश्चित करना।
- शैक्षणिक और अनुसंधान कार्यक्रमों की प्रासंगिकता और गुणवत्ता
- समाज के विभिन्न वर्गों के लिए शैक्षणिक कार्यक्रमों तक समान पहुंच और सामर्थ्य।
- शिक्षण और सीखने की आधुनिक विधियों का अनुकूलन और एकीकरण।
- मूल्यांकन प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता.
- सहायता संरचना और सेवाओं की पर्याप्तता, रखरखाव और उचित आवंटन सुनिश्चित करना।
- भारत और विदेश में अन्य विश्वविद्यालयों/संस्थानों के साथ अनुसंधान निष्कर्षों को साझा करना और नेटवर्किंग करना।
- आईक्यूऐसी (IQAC) के साथ प्रत्यानयन के पूर्व एवं पश्चात गुणवत्ता मूल्याङ्कन की चर्चा करना।
क्रियान्वयन:
• विश्वविद्यालय के सांविधिक निकायों (विद्यापरिषद, कार्यपरिषद) से पारित वार्षिक गुणवत्ता आश्वासन रिपोर्ट के आधार पर गुणवत्ता संवर्धन संबंधी आवश्यक गतिविधियों का सञ्चालन एवं संपादन करना।
• राष्ट्रीय प्रत्यायन एवं मूल्यांकन परिषद या अन्य प्रत्यायन संस्थाओं को विश्वविद्यालय की वार्षिक गुणवत्ता आश्वासन रिपोर्ट प्रस्तुत करना।
• विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को वार्षिक गुणवत्ता आश्वासन रिपोर्ट अथवा/या गुणवत्ता संकेतक प्रस्तुत करना तथा तत्संबंधी क्रियान्वित कार्यवाही से अवगत कराना।
• विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के लिए अलग वेबपेज बनाना जिस पर वार्षिक गुणवत्ता आश्वासन रिपोर्ट एवं अन्य गतिविधियाँ प्रदर्शित की जा सके।
लाभ :
• विश्वविद्यालय के विकास हेतु संस्थागत गतिविधियों में पारदर्शिता लाना एवं लक्ष्य केंद्रितता का उच्च स्तर सुनिश्चित करने में सहयोग करना।
• गुणवत्तापूर्ण कार्य संस्कृति के स्वीकार करना एवं इसके क्रियान्वयन में सहायता।
• विश्वविद्यालय की सर्वश्रेष्ठ गतिविधियों एवं अन्य गतिविधियों में समन्वय बनाना एवं गुणवत्ता संवर्धन सुनिश्चित करने में सहयोग करना।
• निर्णय प्रक्रिया हेतु सुदृढ़ आधार पर प्रदान करना जिससे संस्थागत क्रियान्वयन बेहतर हो सके।
• विश्वविद्यालय में गुणवत्ता संवर्धन हेतु गतिशील व्यवस्था बनाना।
• आंतरिक संवाद एवं दस्तावेजीकरण के लिए एकीकृत प्रविधि का निर्माण करना।
समन्वयक की भूमिका
IQAC का समन्वयक सभी सदस्यों के प्रभावी कामकाज को सुनिश्चित करने में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। IQAC का समन्वयक गुणवत्ता पहलुओं में विशेषज्ञता वाला एक वरिष्ठ व्यक्ति हो सकता है। वह पूर्णकालिक कार्यकर्ता हो सकता है या, शुरुआत में, वह एक वरिष्ठ शैक्षणिक/प्रशासक हो सकता है जिसे अतिरिक्त जिम्मेदारी के रूप में IQAC सौंपा गया हो। प्रशासन द्वारा सचिवीय सहायता की सुविधा दी जा सकती है। यह बेहतर है कि समन्वयक को कंप्यूटर, इसके विभिन्न कार्यों और प्रभावी संचार के लिए उपयोग के बारे में अच्छी जानकारी हो।
(स्रोत: यूजीसी और NAAC दस्तावेज)