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71वां गणतंत्र दिवस

 

 

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हिंदी विश्वविद्यालय में 71वें गणतंत्र दिवस पर हुये सांस्कृतिक कार्यक्रम

26 जनवरी 2020



              

9.jpg                 अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय में 71वें गणतंत्र दिवस पर विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव ने झंडा फहराया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिवार के सभी सदस्यों ने तिरंगे को सलामी देते हुये राष्ट्रगान में सहभागिता की। कुलपति प्रो. रामदेव भारद्वाज ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा कि लम्बी गुलामी के बाद आजाद भारत में भारतीय नागरिकों के अधिकार, राष्ट्र की सुरक्षा संरक्षण और सम्पन्नता के उदेश्य से संविधान की रचना की गई। देश के संविधान में जहां हमारे अधिकारों का उल्लेख है वहीँ मर्यादा और स्वतंत्रता की सीमा का भी स्पष्ट दिशा निर्देश है। वर्तमान परिस्तिथियों का उदाहरण देते हुये प्रो. भारद्वाज ने बताया कि आज कई संस्थायें अपने उद्देश्यों से दूर हो रही है, क्योंकि जीवित अपने निजी हित और स्वार्थ के चलते राष्ट्रहित को अनदेखा कर रहे है। उन्होंने कहा कि हमें अपने अधिकारों के साथ कर्तव्य की समझ होनी चाहिये। प्रो. भारद्वाज ने बताया कि वैश्विक समस्याओं का समाधान भारतीय संस्कृति और संविधान से ही संभव है। उन्होंने कहा कि अधिकार और दायित्व के बीच समन्वय और संतुलन बनाकर देश का प्रत्येक नागरिक राष्ट्र निर्माण में अपनी सकारात्मक भूमिका निभा सकता है। 

                 कार्यक्रम के दुसरे चरण में मोटिवेशनल स्पीकर श्री पंकज चतुर्वेदी ने कई उदाहरणों से छात्रों को लक्ष्य प्राप्त करने के तरीके बताये। श्री चतुर्वेदी ने बताया कि दुनिया में 5 फीसदी लोग तथ्यों के आधार पर आगे बढते है जबकि 95 प्रतिशत लोग दूसरों की सलाह पर अपने निर्णय लेते है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति का जन्म और मृत्यु प्रकृति तय करती है लेकिन च्वाइस व्यक्ति स्वयं तय करता है। मोटिवेशनल स्पीकर श्री चतुर्वेदी के मुताबिक दुनिया में 7 सौ करोड़ लोगों के डीएनए जिस तरह अलग है उसी तरह उनका पृथ्वी पर जन्म लेने का उद्देश्य भी अलग है। हमें अपने उद्देश्य और लक्ष्य को पहचान कर सही दिशा में प्रयास कर मुकाम तक पहुचने की पहल करनी होगी। उन्होंने कहा कि व्यक्ति की सफलता या असफलता वह स्वयं तय करता है। जो व्यक्ति हार से डरता है वह कभी सफल नहीं हो सकता। श्री चतुर्वेदी ने बताया कि संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता और बिना संकल्प के सफलता नहीं मिलती। कार्यक्रम के अगले चरण में विश्वविद्यालय के छात्रों ने कई रंगारंग प्रस्तुतियां दीं।

                 युवा दिवस से विश्वविद्यालय में शुरू हुई सांस्कृतिक और साहित्यक गतिविधियों में विजेता रहे विद्यार्थियों को गणतंत्र दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति एवं कुलसचिव ने मंच से सम्मानित कर पुरस्कार वितरित किये। स्वरचित कविता लेखन में आलोक कुमार को प्रथम भारती अहिरवार को दूसरा और प्रलह हालदार को तीसरा स्थान मिला। इसके अलावा सुनीला द्विवेदी सांत्वना पुरस्कार दिया गया। बाद विवाद प्रतियागिता में सुनील कुमार अनुराग को पक्ष रखने, वहीं, प्रलह हालदार, सुनीला द्विवेदी और शिवदत्त द्विवेदी को विपक्ष की भूमिका निभाने के लिये पुरस्कृत किया गया। निबंध प्रतियोगिता में सोनू साहू, रवीन्द्र अहिरवार, सुनीला द्विवेदी और सुरभि जैन ने बाजी मारी। शुक्रवार को हुई चित्रकला प्रतियोगिता में यश सोनी, ज्योति कुमारी और उत्तरा श्रीवास्तव को क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार से नबाजा गया। विश्वविद्यालय की छात्रा शिवारी राठौर के साथ अभय त्रिपाठी, सीता यादव, संगम बाल्मीक और नयन मिश्रा को गायन प्रतियोगिता में बेहतर परफॉर्मेंस के लिये पुरस्कृत किया गया।

                 सामूहिक नृत्य में टीना मेसराम और साथियों को पहला अवॉर्ड जबकि तरूणि गुप्ता और अन्य को दूसरा स्थान, वहीं कृतिक वर्मा और साथियों को ‘सुनो गौर से दुनिया वालो’ गाने पर नृत्य के लिये तीसरा पुरस्कार दिया गया। एकल नृत्य शृंखला में बीकॉम द्वितीय वर्ष के छात्र अजय मालवीय ने पहला स्थान प्राप्त किया। जबकि रवीन्द्र अहिरवार को दूसरा और सुलोचना पाण्डेय को तीसरे पायदान पर रहे।

        विश्वविद्यालय में स्वामी विवेकानंद जयंती से शुरू हुई साहित्यक गतिविधियों के अंतर्गत कई खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। जिनमें कबड्डी, खो खो, रिले रेस, वैडमिंटर, दौड़, कुर्सी दौड़ और क्रिकेट का आयोजन किया गया। 

                 गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. विजय सिंह ने अतिथियों का आभार प्रकट करते हुये कहा कि संविधान का हम सभी को सम्मान और पालन करना चाहियेद्य उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में अपनी सकारात्मक भूमिका हमें स्वयं तय करनी होगीद्य इस मौके पर उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक श्री एम.एस. रघुवंशी उच्च शिक्षा, उत्कृ्ष्टता संस्थान के संचालक डॉ. एस.एस. विजयवर्गीय के साथ वाणिज्य विभाग के डॉ. मुकेश जैन के अलावा प्रो. रेखा रॉय, डॉ. भावना ठाकुर और विश्वविद्यालय की वित्त अधिकारी सुश्री ऊषा सरयाम के साथ सभी शिक्षक अधिकारी कर्मचारी और सभी छात्र उपस्थित रहेद्य कार्यक्रम का सफल संचालन शिक्षा विभाग की व्याख्याता डॉ. रश्मि चतुर्वेदी ने किया।

                               

                             

                             

 

 

 

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