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कुलपति संदेश

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प्रो. खेमसिंह डहेरिया

                 अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्‍वविद्यालय, भोपाल के वेबस्‍थल पर आपका हार्दिक स्‍वागत व अभिनंदन । ज्ञान-विज्ञान के सभी अनुशासनों में शिक्षण, प्रशिक्षण एवं अनुसंधान को 'हिंदी' के माध्‍यम से कराना और उसका प्रसार व विस्‍तार करना, हिंदी में अनुवाद करना, प्रकाशित करना तथा सूचना प्रौद्योगिकी और रोजगार की प्रत्‍येक संभावनाओं को विकसित करना और उनको सं‍चालित करना । 'हिंदी' को विश्‍वस्‍तरीय व गुणवत्‍तापूर्ण भाषा के रूप में स्‍थापित व प्रचलित करने में पूर्णत: सहयोग करना, व्‍यवस्‍था करना एवं प्रचारित-प्रसारित करना, प्रत्‍येक विषय में भारतीय ज्ञान परंपरा और आधुनिक ज्ञान का समन्‍वय स्‍थापित करना । हिंदी की पांडुलिपियों के संरक्षण और हिंदी के रचनाकारों तथा अन्‍य महापुरुषों की हस्‍तलिपियों का संरक्षण व प्रचारित करना । राष्‍ट्रीय-अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर शोध क्षेत्रों की पहचान और उनके संवर्द्धन के लिए संयुक्‍त उद्यम निर्मित करना । राष्‍ट्रीय-अंतर्राष्‍ट्रीय भाषाओं और ज्ञान को हिंदी में सर्वसुलभ कराना । कौशल विकास के अंतर्गत रोजगारोन्‍मुखी पाठ्यक्रमों का संचालन करना । सभी विद्यार्थियों में सामाजिक व राष्‍ट्रीय दायित्‍व का बोध विकसित करना आदि विश्‍वविद्यालय के प्रमुख उद्देश्‍य हैं ।

            विश्‍वविद्यालय में हिंदी भाषा के माध्‍यम से विज्ञान, कला, वाणिज्‍य, प्रबंधन, अनुवाद, कृषि, शिक्षा, विधि एवं तकनीकी क्षेत्रों में उच्‍च स्‍तरीय गवेषणा का कार्य किया जा रहा है । यह देश व प्रदेश का एकमात्र विश्‍वविद्यालय है जो कि पूर्णत: हिंदी भाषा में समस्‍त ज्ञान-विज्ञान व तकनीकी क्षेत्रों में शिक्षण व प्रशिक्षण देता है तथा वैज्ञानिक व तकनीकी क्षेत्रों की शिक्षण सामग्री का अंग्रजी से हिंदी में अनुवाद भी कराता है ।

            माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी के 'आत्‍मनिर्भर भारत' की संकल्‍पना के आधार पर विश्‍वविद्यालय में सत्र 2020-21 से विशेष अध्‍ययन केंद्रों की स्‍थापना की गई है, जिसमें वर्तमान में 150 केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जिनके माध्‍यम से वर्तमान में 31 पत्रोपाधि व स्‍नातकोत्‍तर पत्रोपाधि रोजगारोन्‍मुखी पाठ्यक्रम भी संचालित किए जा रहे हैं ।

कुलपति
अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय, भोपाल

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